कई देवता इस दुनिया में हैं, सब के रूप सुहाने हैं
खाटू में जो सजकर बैठे हैं, हम बस उनके दीवाने हैं।।।
।। जय श्री श्याम।।
वो शरीर ही किस काम का, जो नाम ना ले श्याम का।
।। जय श्री श्याम।।
हारे का सहारा है ये, इससे ज्यादा कोई राज नहीं।
जिस के सिर पर हाथ हो इसका, इससे महंगा कोई ताज नहीं।।
।। जय श्री श्याम।।
हे श्याम..जख्म इतने गहरे हैं इजहार क्या करें,
हम खुद निशाना बन गये वार क्या करें,
मर गये तेरे दर पे हम, मगर खुली रहीं आंखे
सांवरे अब इससे ज्यादा हम इंतजार क्या करें।।
।। जय श्री श्याम।।
मेरे श्याम ! तुम पूछ लेना सुबह से, ना यकीन हो तो शाम से
ये दिल धड़कता है सिर्फ बाबा श्याम तेरे ही नाम से।।
।। जय श्री श्याम।।
जी करता है मचल जाऊं खाटूधाम आने के लिये।
भाग कर तेरे चरणों से लिपट जाऊं हमेशा के लिये।।
लगता है प्यारे सुनकर भी अनुसना कर देते हो तुम…
करदो ऐसी कृपा मेरे सांवरे,
मेरा दिल ही बन जाये खाटूधाम हमेशा के लिये।।
।। जय श्री श्याम।।
स्वर्ग का सपना छोड़ दो, नर्क का डर छोड़ दो।
कौन जाने क्या पाप, क्या पुण्य, बस……………..
किसी का दिल न दुखे, अपने स्वार्थ के लिये
बाकी सब कुदरत पर छोड़ दो।।
।। जय श्री श्याम।।
क्या जरूरत है घर से निकलने के पहले मुहूर्त देखने की।
मेरे श्याम की सूरत देख लो जरूरत ही नही पड़ेगी मुहुर्त की।।
।। जय श्री श्याम।।
ना मांगू मैं महल दुमहले ना बंगला ना कोठी।
जन्म मिले उस आंगन में जहां जले श्याम की ज्योति।।
।। जय श्री श्याम।।
ना जाने कैसा जादू है, मेरे श्याम के दरबार का,
मैं जाता हूं बिखर के, और आता हूं निखर के।।
।। जय श्री श्याम।।
कर दिया है बेफिक्र तूने, फिक्र अब मैं कैसे करूँ।
फिक्र तो यह है कि तेरा शुक्र कैसे करूँं।।
।। जय श्री श्याम।।
है आरजू करूं दीदार श्याम प्यारे का
नजर से चूम लू, दरबार श्याम प्यारे का।
हमेशा होती है इस दर पे बारिशे रहमत की
है ऐसा जलवा मेरे दिलदार श्याम प्यारे का।।
।। जय श्री श्याम।।
पलकों पे तुम्हें सांवरे बिठाने को जी चाहता है
तेरी बांहों में श्याम, लिपट जाने को जी चाहता है।
खुबूसरत और बेन्याब हो श्याम तुम …
कि तुम्हें जिन्दगी बनाने को जी चाहता है।
।। जय श्री श्याम।।
बेससब चाहत रखते हैं श्याम, तेरे दीदार पाने की।
पर श्याम कहते हैं, मैं तो तेरे दिल में बैठा हूँ,
तुझे जरूरत नहीं, कहीं और जाने की।।
।। जय श्री श्याम।।
मेरे आंखो के ख्वाब हो तुम, दिल के अरमान हो तुम
तुम से ही तो मैं हूं, मेरे पहचान हो तुम।
मैं जमीन हूं अगर तो, मेरे आसमान हो तुम,
सच मानो मेरे लिये तो सारा जहां हो तुम।।
।। जय श्री श्याम।।
काश किसी रोज, उतर आओ सांवरे
तुम अपनी तस्वीर से, एक लम्हें की तरह।
दिल का हर, राज बयां हो जाये,
फिर बारिश की तरह।।
।। जय श्री श्याम।।
बाबा कदम कदम पर तुम साथ हो मेरे
तुमको नमन मै करता रहूँ…..
जब तक सांस रहे इस तन में
बाबा तुमको स्मरण करता रहूं।
।। जय श्री श्याम।।
रहमतों के फूल बरसते है जब श्याम का दीदार होता है।
बडे ही किस्मत वाले होते हैं वो, जिनको श्याम से प्यार होता है।
।। जय श्री श्याम।।
जिन आंखों को श्याम के दर्शन की आदत हो।
वो आंखे अपने मुक्कदर पे रोया नहीं करती।।
।। जय श्री श्याम।।
दिल का क्या है तेरी यादों के सहारे भी जी लेगा।
हैरान तो आंखे हैं जो तड़पती हैं तेरे दीदार को।।
।। जय श्री श्याम।।
हर रोज सुबह तुम्हारा दर्शन किया करते हैं,
हर रोज ख्वाबों में तुम्हारा दीदार किये करते हैं।
दीवाने ही तो हैं हम बाबा श्याम तुम्हारे
इसलिये हर वक्त तुम्हारे खाटूधाम आकर तुमसे
मिलने का इंतजार किया करते हैं।
।। जय श्री श्याम।।
अजब है तू दातार सांवरे, गजब तेरी दातारी रे
हर लेता है पीड़ भक्त की, चाहे विपदा हो कितनी भारी रे।
।। जय श्री श्याम।।
कोई नही है मेरी फिक्र करने वाला……
फिर भी बेफिक्र रहता हूँ…..
बस एक है मेरे ऊपर….जान छिडकने वाला….
जिसे मैं बाबा श्याम कहता हूँ…..
!! जय श्याम सरकार की !!
मैँ और *मेरा श्याम दोनो ही बङे ‘भुलक्कङ’ है
वो मेरी ‘गलतियाँ’ भूल जाते है और मै उनकी ‘मेहरबानियाँ’..!!
|| जय श्री श्याम ||
कोई कहता है कि सारा जमाना है मेरा
कोई कहता है अपना भी बेगाना है मेरा
कोई कहता है कुबेर का खजाना है मेरा, पर
मै कहता हु की श्याम के चरणों में ठिकाना है मेरा
|| जय श्री श्याम ||
मुझे नशा है तुझे याद करने का,
ऐ मेरे सावँरिया …
और, ये नशा में सरेआम करता हूँ.
पूछते है लोग…
कितना प्यार है तुझे सावँरिया से..
मैने कहा…
अगर बारिश की बुँदे गिन सकते हो तो उतना…
।। जय श्री श्याम।।
बेदर्द जमाने ने ठोकर जो लगाई है
उस दर्द की सांवरिया तेरे पास दवाई है
श्याम प्यार से आकर के दो घूंट पिला जाओ मुझे
तेरी जरूरत है फुर्सत है तो आ जाओ।।
।। जय श्री श्याम।।
*तेरे दर पर आने से पहले में बहुत कमजोर होता हूं !!
*ओर जब छू लेता हूं तेरी चौखट तो में कुछ और होता हूं !!
|| जय श्री श्याम ||
जो तेरे नाम पर ही श्याम, जीते है मरते हैं,
उनके दिन सुख चैन से ही, सदा गुजरते हैं
तुमसे ही लगन लगाते हैं, रात-दिन तेरे खाते हैं।।
।। जय श्री श्याम।।
बेदर्द जमाने ने ठोकर जो लगाई है
उस दर्द की सांवरिया तेरे पास दवाई है
श्याम प्यार से आकर के दो घूंट पिला जाओ मुझे
तेरी जरूरत है फुर्सत है तो आ जाओ।।
।। जय श्री श्याम।।
मेरी तकदीर के मालिक, मेरी तकदीर तो तुम हो।
जो उभरी है सितारो पे, मेरी तस्वीर तुम हो।
यह दौलत, यह शोहरत, सफर श्मशान तक का है।
जो आखिर साथ जाना है, असल जागीर तो मेरे श्याम तुम हो।
।। जय श्री श्याम।।
मेरी तकदीर के मालिक, मेरी तकदीर तो तुम हो।
जो उभरी है सितारो पे, मेरी तस्वीर तुम हो।
यह दौलत, यह शोहरत, सफर श्मशान तक का है।
जो आखिर साथ जाना है, असल जागीर तो मेरे श्याम तुम हो।
।। जय श्री श्याम।।
रूठी थी किस्मत मेरी भी अब मेहरबान हो गयी…।
“श्याम” के नाम से ही…. अब मेरी पहचान हो गयी ।।
||खाटू नरेश की जय ||
उम्मीद बिखरी पड़ी थी…नाव भी टूटी पड़ी थी,
पर तूफान भी कुछ नही बिगाड़ पाया उसका
क्योंकि सिर पर श्याम की मोर छड़ी थी
|| जय खाटू वाले की ||
मेरे श्याम न जाने कितनी मिठास है तेरे नाम मे
सुबह-सुबह जो श्याम श्याम कह दिया
तो सारा दिन मुँह मीठा मीठा रहता हैं
|| जय श्री श्याम ||
ना अमीरों की बात है, ना गरीबों की बात है
श्याम तेरे धाम की सेवा, तो नसीबो की बात है..!!
|| जय श्री श्याम ||
मेरे श्याम तेरी महिमा आपार है,
तू ही तो मेरी जिंदगी है तू ही मेरी सांसे
तुझ से बिछर के जाऊं कहा मेरे श्याम,
मेरी जिंदगी का तू ही सहारा है !!
।। जय श्री श्याम।।
काश.. किसी खूबसूरत मौसम में…
श्याम मेरी आँखों पे अपना हाथ रख दे…
और हँसते हुए कह दे…पहचान लो तो हम तुम्हारे…
ना पहचानो तो तुम हमारे……
|| जय श्री श्याम ||
जब जब हूँ मैं बाबा हारा, श्याम तूने दिया सहारा
जब जब ना मिला किनारा, श्याम तूने पार उतारा
|| जय श्री श्याम ||
कहते है लोग अक्सर मुझे कि बावला हूँ मैं…
उनको क्या पता कि अपने श्याम का लाड़ला हूँ मैं…
|| जय श्री श्याम ||
सांवरे .. अगर तेरा सहारा न होता, तो सुन्दर संसार हमारा न होता।
तूफानों की तबाही में गुम हो जाते, अगर सर पे हाथ तुम्हारा न होता।।
।। जय श्री श्याम।।
कठिन राह भी सरल हो जायेगी, मुश्किलें सारी हल हो जायेगी।।
एक बार आजा तू शरण श्याम के, जिन्दगी तेरी सफल हो जायेगी।।
।। जय श्री श्याम।।
आँखो की चमक पलकों की शान हो तुम,
चेहरे की हंसी लबों की मुस्कान हो तुम।।
घड़कता है दिल बस श्याम तुम्हारी आरजू में
फिर कैसे ना कहूँ श्याम मेरी जान हो तुम।।
।। जय श्री श्याम।।
बड़े बड़े संकट टल जाते है, जब साथ हो श्याम हमारा।
हर विपदा पर भारी पड़ता, श्री श्याम का एक जयकारा।।
।। जय श्री श्याम।।
शीश के दानी तेरे चरणों में हम अपना शीश झुकाते हैं।
और कहीं झुकने न देना ये अरदास लगाते है।
।। जय श्री श्याम।।
तू चाहे तो मेरा हर काम साकार हो जाये,
तेरी कृपा से खुशियों की बहार हो जाये,
यूं तो कर्म मेरे भी कुछ खास अच्छे नहीं,
मगर तेरी नजर पड़े तो मेरा उद्धार हो जाये।
।। जय श्री श्याम।।
गम ने हंसने न दिया जमाने ने रोने न दिया।
इस उलझन ने चैन से जीने न दिया
थक के जब सितारों से पनाह ली
नींद आई तो श्याम तेरी याद ने सोने न दिया।
।। जय श्री श्याम।।
दिल की हर तमन्ना पूरी करता,
ये है श्री श्याम धन लखदातार,
खाली कभी कोई ना जाता यहां से
ऐसा श्री श्याम धनी का दरबार
।। जय श्री श्याम।।
जिस में तू नहीं वो तमन्ना अधूरी है,
तू जो मिल जाये तो जिन्दगी पूरी है।
तेरे साथ जुड़ी है खुशियां,
बाकी सबके साथ हंसना तो मजबूरी है।
।। जय श्री श्याम।।
आंसू कभी आंखों में ये भरने नहीं देता,
दर्द भी चेहरे पे उभरने नहीं देता,
इस तरह रखता है मेरा सांवरा मुझको,
की टूट भी जाऊं तो मुझे बिखरने नहीं देता।
।। जय श्री श्याम।।
मुलाकात हुई थी श्याम से बरसो पहले
सुख-दुःख का साथी बन गया था होश संभालने से पहले
मुकद्दर में क्या था ये तो नहीं मालूम
मगर दोस्त सही चुना था कुछ सालों पहले।
।। जय श्री श्याम।।
मेरे श्याम …आंसू कभी आंखों में ये भरने नहीं देता
दर्द भी हो चेहरे पर उभरने नहीं देता।
इस तरह रखता है मेरा सांवरा मुझको,
की टूट भी जाऊं तो मुझे बिखरने नहीं देता।
।। जय श्री श्याम।।
मेरे बाबा… तेरा शुक्र कैसे करूं मेरे बाबा
मैं तो रत्ती भर भी तेरे काबिल नहीं
तेरे प्रेम से जिन्दा हूँ मैं…
तेरे सिवा इन लहरों का कोई साहिल नहीं
।। जय श्री श्याम।।
मेरे श्याम.. तेरी मेरी मोहब्बत का राज उस वक्त खुल गया।
जब दिल तेरी कसम खाने से मुकर गया।।
।। जय श्री श्याम।।
श्याम नाम अनमोल खजाना, जो बोले सो पायेगा
बकी सारा इस धरा का, यहीं धरा रह जायेगा।।
।। जय श्री श्याम।।
मेरे श्याम.. ये जिन्दगी का सफर, कटे तेरे सम्मान में।
चाहे आधी ही हो जिन्दगी, पर गुजरे तेरे गुणगान में।।
।। जय श्री श्याम।।
शोभा तेरे रूप की बाबा, देख नाचे मन की मोर।
इत देखू, उत देखू, देखू चारों ओर, तेरे जैसा बाबा न कोई और।
।। जय श्री श्याम।।
हर मंजर में मैं पाऊं तुम्हे कैसे कहूँ श्याम कितना चाहूं तुम्हें
बस तुमसे ही है ये जिन्दगी मेरी यूं ही कैसे भूल जाऊं तुम्हें
।। जय श्री श्याम।।
जो तेरे नाम पर ही श्याम, जीते है मरते हैं,
उनके दिन सुख चैन से ही, सदा गुजरते हैं
तुमसे ही लगन लगाते हैं, रात-दिन तेरे खाते हैं।।
।। जय श्री श्याम।।
थोड़ा सा गर विश्वास रखो तो तार देते हैं।
मन में गर आस रखो तो संवार देते हैं,
ऐसे दयालु है मेरे श्याम,
दिल के पास रखो तो बेइन्तहा प्यार देते हैं। ।
।। जय श्री श्याम।।
तमन्ना हो श्याम से मिलने की,
तो बंद आंखों में भी नजर आयेगें,
महसूस करने की कोशिश तो कीजिये
दूर होते हुये भी पास नजर आयेगें।
।। जय श्री श्याम।।
बाबा तेरी रहमतों के सहारे मैं पलता हूँ
और तेरा ही नाम लेकर आगे बढ़ता हूँ,
बाबा तू मुझसे नजर ना फेरना कभी,
इक तू ही है जिसके सहारे मैं चलता हूँ।
।। जय श्री श्याम।
जब मुझे यकीन है कि कान्हा हमेशा मेरे साथ है,
तो इस से कोई फर्क नहीं पढ़ता कि कौन-कौन मेरे खिलाफ है।
।। जय श्री श्याम।।
श्याम प्रभु के पीछे पड़ जा, चाहत रंग दिखलाएगी।
प्रीत की डोरी बड़ी प्रबल है, श्याम से तुझे मिलाएगी।।
।। जय श्री श्याम।।
लाइन में लगा भक्त दूर से बाबा को जिस तरह से देखता है,
यकीन है सांवरे मन्द-मन्द तू भी उसे देख हंसता है।
तेरा दर्शन कर जब विदाई की आंसू आंखों में लिये जाता है।
यकीन है सांवरे वो आंसू तेरा मन भी बहुत तड़पाता है।
।। जय श्री श्याम।।
जगमग श्याम की ज्योत जगी है, श्याम का दर्शन पाओ जी,
खुश हो दाता बांट रहयो हो, पल्लो तुरन्त बिछाओ जी।
।। जय श्री श्याम।।
ना जोर चलेगा जमाने का, ना होड़ लगेगा हराने का
जब श्याम की पलबल छाया हो, तो क्या बिगडे़गा दीवाने का।
।। जय श्री श्याम।।
शोभा तेरे रूप की बाबा, देख नाचे मन का मोर।
इत देखू उत देखू चारों ओर, तेरे जैसा बाबा ना कोई और।।
।। जय श्री श्याम।।
फूल है हम बाबा आपकी बगीचे के, स्हलाना आपका काम,
मुरझा भी जायें कभी तो, हमें फिर से खिलाना आपका काम,
ऐसी महक भर दो हममें, जो छुये हमें वो भी महक जाये,
जो हमें देखे वो भी महक जाये, कि देखो वो है फूल श्याम बगीची का
।। जय श्री श्याम।।
बड़े शौक से उतरे थे ऐ श्याम तेरे इश्क के समंदर में।
पहली लहर ने ही ऐसा डुबाया की अब तक किनारा ना मिला।।
।। जय श्री श्याम।।
मत घबराना विपदा से, श्याम दीवानों घड़ी घड़ी।
तुझ पर आने से पहले, विपदा को हरले मोर छड़ी।।
।। जय श्री श्याम।।
जुबां के हर शब्द पा नाम है तेरा
तेरे नाम से ही तो होता है मेरा सवेरा
मेरे मन के हर कोने पर श्याम तेरा बसेरा
मेरा जीवन सुखी है देख श्याम आपका चेहरा
।। जय श्री श्याम।।
ख्वाबों की सजी थी महफिल, पर हसरत नीलाम हो गई।
तूने क्या एक नजर देखा सांवरे, मेरी रूह तक गुलाम हो गई।।
।। जय श्री श्याम।।